🌚🌻💭
// एक कविता खुद के लिए // आज मैंने एक कविता लिखी वह कविता जिसमे न मात्रा सही थे, न शब्द सही बैठ रहे थे, था कुछ तो सिर्फ एक संदेश था, की परिस्थिति कितनी भी कठिन हो, तुझे उठना है, चलना है, कुछ खोना है, कुछ पाना है, बस अपने लक्ष्य की ओर चलते रहना है, लेकिन हाँ यह भी ध्यान रखना है कि हड़बड़ी के चक्कर में दौड़ना नहीं है| आज मेरी कविता में न मिठास है न वो तीखापन है जो सबको मेरी कविता की ओर खींच लाए, बस कुछ है तो वह मेरा अपना निश्चल प्रेम है, जो मेरे लिए है न कि किसी ओर के लिए | - निशा
Comments
Post a Comment